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Rahul gandhi ka bayan ek hai to sahi hai


राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी पर निशाना साधते हुए कहा,



"मोदी-अडानी एक हैं, तो सब सेफ है।" उनका यह बयान संसद और सार्वजनिक मंचों पर उठाए गए उनके आरोपों की कड़ी में जुड़ा हुआ है, जिसमें वे मोदी सरकार पर उद्योगपतियों को विशेष लाभ पहुँचाने का आरोप लगाते रहे हैं।


  1. हिंडनबर्ग रिपोर्ट का जिक्र:
    राहुल गांधी ने अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने अडानी को विदेशों और देश में बड़े प्रोजेक्ट्स दिए, जो सामान्य प्रक्रिया के तहत नहीं थे।
    • LIC और SBI जैसे सरकारी संस्थानों द्वारा अडानी ग्रुप में निवेश की आलोचना।
    • विपक्ष द्वारा संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की जांच की मांग।
  2. ‘सेफ’ का मतलब:
    राहुल गांधी ने कहा कि यदि आप मोदी-अडानी के साथ हैं, तो आपके व्यवसाय और प्रोजेक्ट्स सुरक्षित हैं। लेकिन आम जनता और छोटे व्यवसायियों के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
  3. विदेश यात्राओं का मुद्दा:
    राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इनमें अडानी ग्रुप को अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट दिलाने में मदद की गई।


मोदी सरकार की प्रतिक्रिया:

  • भाजपा ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए इसे "राजनीतिक नौटंकी" करार दिया।
  • सरकार का दावा है कि अडानी जैसे उद्योगपतियों का विकास "Ease of Doing Business" का हिस्सा है और इससे भारत की अर्थव्यवस्था को फायदा हो रहा है।


अडानी ग्रुप और कांग्रेस का जवाब:

  • अडानी ग्रुप ने राहुल गांधी के आरोपों पर सीधे टिप्पणी करने से बचा है, लेकिन कंपनी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के दावों को खारिज किया।
  • कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को संसद के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी जोरदार तरीके से उठाया है।


सार्वजनिक और राजनीतिक प्रभाव:

राहुल गांधी के "एक है तो सेफ है" वाले बयान ने विपक्षी राजनीति को धार दी है। इससे मोदी सरकार पर पारदर्शिता और बड़े उद्योगपतियों के साथ संबंधों को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

आपकी राय:
क्या राहुल गांधी का यह हमला जनता के मुद्दों को उजागर करता है, या यह केवल एक राजनीतिक चाल है?


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